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पब्लिक प्रोविडेंट फण्ड (PPF)

जिसे सार्वजनिक भविष्य निधि भी कहा जाता हैं यह एक बचत अर्थार्त कर बचत जमा योजना हैं जिसकी शुरुआत वित्त मंत्रालय ने 1968 में की थी पीपीएफ का मुख्य उद्देश्य लोगो में बचत की भावना बढ़ाना भी था जिसमें उन्हें टैक्स बचत का लाभ दिया गया था यह एक तरह की भविष्य जमा पूंजी हैं इसलिए इसे सार्वजनिक भविष्य निधि कहते हैं 

यह किसी भी रिटायर्ड व्यक्ति के लिए उम्मीद की बड़ी आशा हैं 

पब्लिक प्रोविडेंट फण्ड खाता किसी भी डाकघर SBI बैंक की किसी भी शाखा अथवा किसी भी राष्ट्रीयकृत बैंक में खोला जा सकता हैं इसके अलावा आईसीआईसीआई प्राइवेट बैंक में भी सुविधा हैं

योग्यता

  • अगर खाता किसी अवयस्क/नाबालिक के नाम से लिया जा रहा हैं तो उस खाते की देख रेख का जिम्मा नाबालिक के माता पिता अथवा अन्य कानूनी पालको का होगा |
  • निवेश और रिटर्न पब्लिक प्रोविडेंट खाते में धारक को न्यूनतम 500/ और अधिकतम 150000/ रुपये की राशि जमा करने की स्वतंत्रता हैं, किसी भी स्थिति में धारक 150000 से ज्यादा की राशि खाते में नहीं डाल सकता | यह निवेश खाताधारी प्रति वर्ष एक किश्त या अधिकतम 12 किश्तो में जमा कर सकता हैं |

इस पर मिलने वाला ब्याज वित्त मंत्रालय द्वारा तय किया जाता हैं, जो कि वर्तमान सरकार द्वारा 7.60% (1 Jan 2018) तय किया गया हैं | यह ब्याज 31 मार्च तक अदा किया जाता हैं |

  • योजना की अवधि

PPF खाते की अवधि 15 वर्ष की होती हैं | एवं 15 वर्ष पुरे होने पर खाताधारक की इच्छा अनुसार इसे 5-5 वर्ष के ब्लाक में बढ़ाया भी जा सकता हैं

  • ऋण सुविधा

धारक PPF खाते पर ऋण ले सकता हैं, लेकिन यह ऋण वह खाता खुलने के तीसरे वर्ष ले सकता हैं | ऋण के समय ब्याज दर के आकड़े बदल जाते हैं |

  • आंशिक निकासी

इस खाते की लॉक की अवधि 15 वर्ष तय की गई हैं, लेकिन धारक अपनी आवश्यकता के अनुसार आंशिक निकासी भी कर सकता हैं, जिसे Pre-mature Withdrawal कहते हैं| इसके तहत पब्लिक प्रोविडेंट फण्ड खाते से अधिकतम 50% राशि निकली जा सकती हैं, लेकिन यह सुविधा छठवे साल के खत्म होने पर मिलती हैं

नामांकन

यह खाता किसी के नाम से भी खोला जा सकता हैं इस खाते के एक या अधिक उत्तराधिकारी भी बनाये जा सकते हैं अगर धारक की मृत्यु हो जाये तब इन उत्तरदायी को खाते का मालिकाना हक़ मिलता हैं | खाताधारक के मृत्यु के बाद उत्तराधिकारी के वारिस होने का प्रमाण होना आवश्यक हैं |

निष्क्रिय

अगर खाता धारक ने न्यूनतम 500 रुपये खाते में नहीं डाले हैं, तब खाते को निष्क्रिय समझा जायेगा | साथ ही इस पर प्रति वर्ष 50 रुपये का दंड भी लिया जायेगा |

धारक की मृत्यु हो जाये, तब भी खाता निष्क्रिय माना जायेगा | एवं वारिस को 15 वर्ष पहले ही राशि एवं ब्याज दे दिया जायेगा |

स्थानांतरण

  • पी पी एफ को पोस्ट ऑफिस से बैंक, बैंक से पोस्ट ऑफिस अथवा एक ब्रांच से दूसरी ब्रांच में ट्रांसफर किया जा सकता हैं |
  • धारक चाहे तो पी पी एफ का वारिस बदल सकता हैं, साथ ही धारक को KYC दस्तावेज जमा करना भी अनिवार्य होता हैं

टैक्स सुविधा

इस खाते पर टैक्स नहीं लगता | यह 80C सेक्शन के अंतर्गत टैक्स फ्री योजना हैं, जिसे कर बचत कहा जाता हैं | मूल के साथ ब्याज भी टैक्स फ्री होता हैं |       

योग्यता

भारतीय

आयु सीमा

नहीं

अधिकतम खाता संख्या

एक

न्यूनतम वार्षिक राशि

500

अधिकतम वार्षिक

150000

वार्षिक ब्याज दर

8.70%

लॉक इन अवधि

15 साल और 5 साल

आंशिक निकासी

6वे वर्ष के अंत में 50%राशि

ब्याज सुविधा

मूल एवं ब्याज पर चक्रवर्ती

 

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